बाल मज़दूरी के एक कविता। बाल मज़दूरी के एक कविता।
This poem is about the struggle of a child who works on a railway platform earning wages by selling ... This poem is about the struggle of a child who works on a railway platform earni...
ये कूड़ा जिसको कल भी मेरे नेता पैदा करते रहेंगे, और मैं टटोलूंगा कल भी इस कूड़े में अपनी किस्मत को । ये कूड़ा जिसको कल भी मेरे नेता पैदा करते रहेंगे, और मैं टटोलूंगा कल भी इस कूड़े ...
तब ही वो लाल पीले दांत बेवजह सबको दिखता है। वो अल सुबह… तब ही वो लाल पीले दांत बेवजह सबको दिखता है। वो अल सुबह…
'कि क्या बेचता है ये बच्चा'? बूढ़ी माई के बाल ?? हसरतें?? या अपना बचपन?? 'कि क्या बेचता है ये बच्चा'? बूढ़ी माई के बाल ?? हसरतें?? या अपना बचपन...
हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...! हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...!